स्वर्णकार सभा जयपुर,चुनाव फिर से विवादों में..?

जयपुर,नादकीआवाज।

माननीय न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में

श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा,जयपुर के चुनावों की घोषणा हो चुकी है,चुनाव निष्पक्ष होंगे निर्विवाद होंगे बिना किसी पूर्वाग्रह या पक्षपात के होंगे इसमें संदेह लगने लगा है। पहले ही दिन से चुनाव अधिकारी श्री टीकाराम की कार्य प्रणाली संदिग्ध रही है,जिसे लेकर समाज में गहरी चिंता और रोष है। 


चुनाव की घोषणा के साथ यह लगने लगा था कि पिछले दो दशकों से विवादों में चल रही जयपुर के स्वर्णकारों की प्रमुख संस्था श्री मेढ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा के अच्छे दिन लौटेंगे,एक जाजम पर बैठकर समाज हित में फैसले होंगे, समाज तरक्की और विकास की राह पर फिर से दौड़ेगा।लेकिन ऐसा लगता प्रतीत नहीं होता।

चुनाव अधिकारी श्री टीकाराम ने न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में चुनाव कराने को कहा है,लेकिन उनके द्वारा न्यायालय के आदेश छुपाए जा रहे हैं,आदेशों को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा,ना सभा कार्यालय में चस्पा किया जा रहा है।

हमने श्री टीकाराम से संपर्क कर न्यायालय के आदेशों को देखना चाहा,आदेश की प्रति मांगी तो ना तो आदेश दिखाए गए ना ही प्रति उपलब्ध कराई,जबकि समाज हित में दिए गए न्यायालय के आदेश को छुपाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है,इससे संदेह पैदा होता है।

श्री टीकाराम ने बताया कि आदेश की प्रति वाद प्रभारी अधिकारी(OIC) श्रीमती फौजिया खान (सहायक रजिस्ट्रार नियम),के पास है।हमने श्रीमती फौजिया खान से संपर्क किया,वादी श्री राजाबाबू ,श्री मदन मोहन,श्री रामकृष्ण आदि से संपर्क किया किंतु न्यायालय के आदेशों की प्रति किसी ने भी नहीं बताई।

हमने जब आदेशों की प्रति मांगी तो कोर्ट से लेने को कहा ! प्रश्न उठता है कि आदेश में ऐसा क्या है जिसे श्री टीकाराम  ओर वादी प्रतिवादी समाज से छुपाना चाहते हैं...? संदेह और भी गहरा हो जाता है जब बार-बार मांगने के बाद भी उक्त आदेशों की प्रति ना तो दिखाई जाती है और ना ही दी जाती है।

श्री टीकाराम द्वारा बनाई गई 15 लोगों की कमेटी भी संदेह के घेरे में है,कमेटी गठन में वादी प्रतिवादी पक्ष को बराबर प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है, वादी पक्ष के अध्यक्ष को कमेटी में शामिल नहीं करना भी संदेह पैदा करता है।सभा कार्यालय गोपाल जी महाराज मंदिर के बंद कमरे भी संदेह पैदा कर रहे हैं।

ऐसी स्थितियों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि चुनाव बिना किसी भेदभाव,या पक्षपात के पारदर्शी,लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न होंगे।


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